पहला दिन-
उज्जैन रेलवे स्टेशन आगमन पर स्वागत और होटल में अल्प विराम । अल्प विराम के बाद
उज्जैन सिटी यात्रा जो क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। श्री महाकालेश्वर मंदिर (बारह ज्योतिर्लिंग
से एक) के दर्शन । रात्रि विश्राम कुंभ मेले वाला शिविर या होटल में।
दूसरा दिन-
सुबह के नाश्ते के पाश्चात इंदौर स्थित श्री ओंकारेश्वर और माहेश्वर के दर्शन के लिए यात्रा, जो नर्मदा नदी के पावन तट
पर स्थित है. इस पवित्र द्वीप का आकर नाम के अनुसार होने के कारण इसे ओकारेश्वर कहा गया. 'ओमकारेश्वर '-
हर साल तीर्थयात्रियों के सैकड़ों की ओर ध्यान खींचता है,
इस यात्रा के बाद महेश्वर में राजराजेश्वर मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और गणेश मंदिर के दर्शन।
रात्रि कुम्भ मेला वाला कैंप या होटल में विराम ।
तीसरा दिन-
सुबह नाश्ते के बाद उज्जैन के लिए ड्राइव और भर्तृहरि गुफाएं, कैलदेह पैलेस, नवग्रह मंदिर, त्रिवेणी, राम मंदिर के लिए यात्रा और शाम अतिथि स्वयं उज्जैन कुंभ मेले की यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं।
शाम और रात कुंभ मेले वाला शिविर या होटल उज्जैन में।
जल्दी नाश्ते के बाद होटल से बाहर और उसके बाद सबसे विश्व प्रसिद्ध बड़े गणेश जी के मंदिर का दर्शन,
संदीप महामुनि आश्रम (जहां भगवान कृष्ण बलराम और सुदामा ने महर्षि सांदीपनी से शिक्षा ग्रहन किया था),
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